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ढुढिया निकाल रे। आ देखा कलुआ फुआ आवत हईन। हाली हाली भउंकी भर ले। आज सब परजा जने अइहे। ढुंढा, गट्टा, तिलवा, लाई, चिउरा सब गोलियाय ला। देखा मामा वाली खिचड़िया में से कुछ लेई ला। आज केहुके खाली जिन जाई दिह।
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नहाने नाई अबे। इनारा पे जाईके जल्दी नहाई ला। बड़के बाबू के पहिले बाद में सब बड़कन का गोड धई के फुनि आवा।
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खिचड़ी वन्स अपॉन अ टाइम
Wish that everybody be prosperous and happy.---पवन विजय