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सोशल मीडि‍या पर फि‍दा आधा जौनपुर लेकिन वि‍श्‍वसनीयता की कमी |

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जौनपुर के रहने वालों के लिए अब सोशल मीडिया शब्द अनजान नहीं है और यहाँ की आधी आबादी इसका इस्तेमाल हर दिन किया करती है | लेकिन अभी भी 85 फीसदी लोग  सोशल मीडि‍या में वि‍श्‍वसनीय कंटेंट का चुनाव नहीं कर रहे हैं और इसके ज़िम्मेदार यहाँ के सोशल मीडिया द्वारा खबरें या अन्य जानकारी देने वाले हैं जो इतनी बड़ी आबादी द्वारा पढ़े जाने के बाद भी इन पाठकों के मन मस्तिष्क  में अपनी वि‍श्‍वसनीयता कायम नहीं कर पा रहे हैं | 

आज जहां विश्व में लोग हर दिन अपडेट के लिए फेसबुक ,ट्विटर और वेब न्यूज़ पोर्टल पे विश्वास करते हैं वही दूसरी ओर भारतवर्ष में फेसबुक इत्यादि को टाइम पास और मनोरंजन के लिए अधिक इस्तेमाल किया जाता है और यही कारण हैं की अमरीका जैसे देश में जहां लोग ख़बरों के लिए ट्विटर द्वारा शेयर की गयी वेब न्यूज़ पोर्टल्स पे अधिक भरोसा करते हैं | ट्विटर पे अफवाहों को फैलाना आसान भी नहीं होता क्यूँ की वहाँ बहुत कम शब्दों में ही बात सामने राखी जा सकती है |

एक सर्वे के अनुसार देश के चार महानगरों में 30 फीसदी और बाकी बड़े शहरों में 26 फीसदी युवा सोशल मीडि‍या से जुड़े हैं जिनमे से अधिक संख्या १५ से ३५ वर्षीय लोगों की अधिक है और इनको देखते हुए सोशल मीडिया से जुड़े उन लोगों की ज़िम्मेदारी अधिक बढ़ जाती है जो लोगों को हर दिन कुछ न कुछ अपने लेख ,ख़बरों या टिपण्णी इत्यादि द्वारा दिया करते है |

राजनीति‍क और व्यापारिक स्‍वार्थ के कारण अफवाहों को इस सोशल मीडिया के इस्तेमाल की खबरें हम और आप हर दिन पढ़ा करते हैं और इसी लोगों से आज अंतरजाल पे उनका टकराव होना है जो पाठको के मन में अपनी  विश्वसनीयता कायम करते हुए आगे बढ़ते रहना चाहते हैं | ध्यान रहे विस्वास एक दिन में कायम नहीं होता बाकि हर दिन भ्रामक खबरों और लेख से बचते हुए सही दिशा देते रहने से होता है और इसी के साथ साथ पाठको को जागरूक भी करते रहना होगा की कैसे अफवाहों,भ्रामक खबरों,सायबर मॉर्फिंग , सायबर बुल्लिंग इत्यादि से बचें |

जिस प्रकार वेब न्यूज़ पोर्टल चलाने वालों और अन्य सोशल मीडिया पे लिखने वालों टिपण्णी करने वालों की ज़िम्मेदारी है की अपनी विश्वसनीयता कायम करे उतनी की ज़िम्मेदारी कानून व्यवस्था कायम रखने वालों की भी बनती है की कैसे वो अपनी टीम को सायबर मॉर्फिंग ,सायबर सायबर बुल्लिंग और अफवाह फैलाने  वालों की पहचान करना सिखाएं | 

पि‍यू रि‍सर्च सेंटर की रि‍पोर्ट को देखते हुए यह कहा जा सकता है की  अमेरि‍की इंटरनेट यूजर्स सोशल मीडि‍या के फायदों के बारे में भारतीयों से कहीं ज्‍यादा वाकि‍फ हैं। उनके लि‍ए यह सूचनाएं प्राप्‍त करने का एक आसान माध्‍यम है, जबकि‍ हमारे यहां यह सूचनाएं साझा करने का। 

इसलिए  ऐसी ख़बरों, पोस्ट, लेख और टिप्पणियों से बचें जिनकी वि‍श्‍वसनीयता संदि‍ग्‍ध हो, बरगलाने वाली हों भ्रामक हो । 

..लेखक   एस एम् मासूम 



 Admin and Founder 
S.M.Masoom
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