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शेख मखदूम दानियाल खिजरी ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के शागिर्द थे|

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शेख मखदूम दानियाल खिजरी  बलख देश के रहने वाले थे और बहुत बड़े ज्ञानी थे । इतिहास कारो  ने अनुसार ये हामिद शाह के उत्तराधिकारी भी थे और ख्वाजा मोईनुद्दीन  चिश्ती के शागिर्द भी थे जिनका ताल्लुक़ हज़रत उमर की नस्ल से भी बताया जाता है ।

 इनका जौनपुर में आगमन हुसैन शाह शार्की ने समय में हुआ और यह महान संत और महा ज्ञानी और चमत्कारी व्यक्ति थे । इन्होने अपनी मृत्यु के पहले ही यह बता दिया था की इनकी मृत्यु १३ रबी उल अवव्ल को होगी और इसकी वसीयत के अनुसार इन्हे इनके उपासना गृह के आँगन में ही दफन किया गया ।

लेखको का  कथन है की इनकी मृत्यु के बाद इनकी क़ब्र से वर्षों खुसबू आया करती थी ।

सैयद परिवार के दो लोग सय्यद अहमद और सय्यद मुहम्मद इनके शिष्य हुए और इनके उत्तराधिकारी बने ।
इतिहासकारो के अनुसार आपकी समाधि इमामबाड़ा हकीम बाक़र ,पान दरीबा के क़रीब मौजूद है लेकिन जब मैंने उसे तलाशना चाहा तो मुझे वहाँ पे क़ब्रिस्तान तो मिला जहाँ कुछ क़ब्रें मौजूद हैं जिसे पे  मशहूर सूफी शेख उस्मान शीराज़ी का नाम लिखा है और उसके पास एक और क़ब्र है जिसे यह कहाँ जा सकता है की  शेख मखदूम दानियाल खिजरी के शागिर्दों सय्यद अहमद और सय्यद मुहम्मद की क़ब्रें है ।

शेख मखदूम दानियाल खिजरी की क़ब्र पुरानी बाजार कोतवाली के सामने की तरफ आज भी मौजूद है ।
लेखक एस एम् मासूम
शेख मखदूम दानियाल खिजरी



शेख मखदूम दानियाल खिजरी

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