
मुझे बचा लो ईस ज़माने से
इन बेवफा प्रेमियों से
इन धोखेबाजो से,
थक गई हूँ मैं
प्यास सबकी बुझाते हुए,
कोई मेरी भी प्यास बुझा दे.
मदद के लिए सब आगे आते हैं
गन्दा करके जाते हैं
करोडो का चंदा खुद ही खा जाते हैं.
कंही सुख ना जावूँ मैं
ईस धरा से
रेगिस्तान कि तरह,
मैं नदी हूँ , प्यास बुझाती हूँ
कुछ मेरे लिए भी रहने दो
कंही मैं प्यास्सी ही ना रह जावूँ