Quantcast
Channel: हमारा जौनपुर हमारा गौरव हमारी पहचान
Viewing all articles
Browse latest Browse all 2088

यत्र नारी शिक्षिता रमन्ते तत्र विकास।

$
0
0
डॉ किरण मिश्र -लेखिका
ये सही है की राजनीतिक रुझानों और समझ के आधार पर किसी भी समस्या का विश्लेषण नहीं करना चाहिए जो की हम करने लगते है ऐसा करके हम कभी तो उस समस्या को बड़ा करके देखते है और कभी बहुत ही छोटा इससे होता ये है कि समस्या सुलझती नहीं बल्कि उलझ जाती है महिला शिक्षा और रोजगार के मामले में भी यही हुआ है। 

आंकड़े बताते है कि देश में महिलाओं कि स्थिति काफी अच्छी है वे  पहले से शिक्षा व रोजगार के मामले में बेहतर हुई है शायद ये एक पक्ष है जो शहरी क्षेत्रो का है जो बहुत ही कम है जिसका प्रतिशत ज्यादा है वो हमारा ग्रामीण क्षेत्र आज भी शिक्षा रोजगार से वंचित है

आज हम विकाशशील देश की क्षेणी में आते है हम ये तो स्वीकार करते है कि हम अभी आर्थिक रूप से पूरी तरह आत्मनिर्भर नहीं पर न जाने क्यों हमें स्त्रियों के मामले में रूढ़िवादी है ये स्वीकार क्यों नहीं करना चाहते। हम संस्कृति के क्षेत्र में लचीले होकर पश्चिम संस्कृति के तौर -तरीके तो अपनाते है पर जैसे ही स्त्रियों की बात आती है तो बस हम रूढ़ियों को ही संस्कृति समझते है। संस्कृति से तो संस्कारो का सर्जन, मूल्यों का बोध एवं विशिष्ट जीवन शैली का विकास  होता है फिर स्त्रियों के सन्दर्भ  में ये संस्कृति इस तरह काम क्यों नहीं करती इस पर विचार होना चाहिए।   

किसी भी देश की प्रगति का स्वरूप इस पर निर्भर करता है कि उस देश में महिलाओं व बच्चो की स्थिति कैसी है। विकास की नीति तीन पक्षीय होनी चाहिए महिला, शिक्षा और रोजगार ये तीनो बहुत ही जरुरी और महत्पूणय मुद्दे है और पूरी तरह से एक दूसरे से जुड़े हुए इन मुद्दो के विकास पर सरकार को ध्यान देना चाहिए ये अत्यंत ही जरुरी है तब जबकि सरकार योजनाआयोग भंग कर चुकी है और देश वासियो से विकास के लिए नया आयोग बनाने के लिए सुझाव मांग रही है। 

भारतीय समाज व उसकी स्थिति के बेहतर रूप को अगर सामने लाना है तो  महिलाओ व लड़कियों को रोजगारपरक  शिक्षा देनी होगी। शिक्षा ऐसी हो जिसकी गुणात्मक उपलब्धियां हो इसके लिए शिक्षा नीति में सुधार करना होगा लड़कियों के लिए ऐसे स्कूल की व्यवस्था होनी चाहिए जहां उन्हें आधारभूत पढ़ाई के साथ ही अर्थोपार्जन के लायक बनाया जा सके.इसके लिए जरुरी है की स्कूल का समय लचीला होना चाहिए जैसे राजस्थान का शिक्षा  प्रोजेक्ट ऐसे प्रोजेक्ट लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहन देते है।  सुविधापरस्त स्त्रियों  के समूह से अलग गॉव की  स्त्रियों के संघर्ष कही  अधिक गहरे है उनके संघर्षो के साथ अगर सरकार उन्हें रोजगारपरक शिक्षा उनकी सुविधा अनुसार दिला पाये तो भारत देश की ये महान उपलब्धि होगी जो शायद तुरंत अपना असर न दिखाए पर कालांतर में दुनिया में हमारी स्थिति फिर से महान देश की होगी फिर हम कहा सकते है यत्र  नारी शिक्षिता रमन्ते तंत्र विकास।          

Viewing all articles
Browse latest Browse all 2088

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>