बलात्कार इत्यादि की घटनाएं केवल शहरों तक ही सीमित नहीं बल्कि गाँव में इनके पैर अधिक फैले हुए हैं और अधिकतर मामले तो आपसी समझौते से, पंचायत द्वारा या कुछ ले दे के निपट जाया करते हैं या फिर समाज में बदनामी के डर से सामने ही नहीं आते |
इन घटनाओं में केवल बलात्कार ही नहींअप्राकृतिक दुष्कर्म के मामले भी हुआ करते हैं जो अक्सर कामांध पुरुष आपस में मर्ज़ी के साथ अंजाम दिया करते हैं | लेकिन कभी कभी इन मामलों में भी बलात्कार होते देखा गया है जैसे कल खेतासराय(जौनपुर)।क्षेत्र के जैगहां गाँव के पास लखमापुर मोड़ पर स्थित चाय-पान की दुकान में काम करने वाले एक किशोर से सामूहिक रूप से अप्राकृतिक दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया है।
बलात्कार के अधिकतर मामले या तो दबंगों द्वारा अंजाम दिए जाते हैं या फिर जवानी के जोश में समाज से छुप अपनी मर्जी से बनाए गए अनैतिक संबंधों के मामले हुआ करते हैं | पुलिस भी गाँव में हो रहे रोज़ रोज़ के ऐसे मामलों से परेशान दिखती है जबकि सभी मामले रिपोर्ट नहीं होते और अक्सर पुलिस वाले भी ये कहते पाए जाते हैं की आपस में प्यार के चक्कर ये चलायें और पकडे जाने पे या धोका खाने के बाद मुसीबत पुलिस की हो |
सवाल ये हैं की बलात्कार के मामले चाहे किसी भी कारण से अंजाम दिए जा रहे हैं सही नहीं | ये भी एक सामाजिक समस्या है जिसका हल केवल कानून के पास नहीं बल्कि समाज के पास है | एक वर्ष पहले डॉ रीता से बातचीत के दैरात उन्होंने इस बात पे प्रकाश डाला था कि आज मोबाइल का इस्तेमाल ऐसे रिश्तों को जन्म देने का सबसे बड़ा कारण है | और दूसरा बड़ा कारण इसी मोबाइल द्वारा पोर्न फिल्म का युवाओं द्वारा देखा जाना और एक दुसरे से शेयर करना पाया गया है |
गाँव में अभी भी युवा युवतियों का आपस में मिलना जुलना या दोस्ती को बुरी नज़र से देखा जाता है ऐसे में इनका पोर्न को देखना और बेरोकटोक मोबाइल से बातचीत करना एक ऐसे रिश्ते को जन्म देता है जिसका नतीजा अधिकतर बुरा होता है और इसे हल करने में पुलिस भी नाकाम दिखती है |
इस समस्या का एक हल गाँव के लोगों द्वारा युवाओं को जागरूक करना और ऐसे प्रेम संबंधों के खतरनाक नतीजोंके बारे में बताना भी हो सकता है | ऐसी समस्याओं में पुलिस अधिक कुछ नहीं कर सकती क्यूँ की आरोपी कौन, दोषी कौन इस बात का फैसला आसानी से नहीं हो पाता |
आप अपने बच्चों की ऐसी परवरिश करें की उन्हें कोई भी रिश्ते समाज से छुप के ना बनाने पड़ें |
इन घटनाओं में केवल बलात्कार ही नहींअप्राकृतिक दुष्कर्म के मामले भी हुआ करते हैं जो अक्सर कामांध पुरुष आपस में मर्ज़ी के साथ अंजाम दिया करते हैं | लेकिन कभी कभी इन मामलों में भी बलात्कार होते देखा गया है जैसे कल खेतासराय(जौनपुर)।क्षेत्र के जैगहां गाँव के पास लखमापुर मोड़ पर स्थित चाय-पान की दुकान में काम करने वाले एक किशोर से सामूहिक रूप से अप्राकृतिक दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया है।
बलात्कार के अधिकतर मामले या तो दबंगों द्वारा अंजाम दिए जाते हैं या फिर जवानी के जोश में समाज से छुप अपनी मर्जी से बनाए गए अनैतिक संबंधों के मामले हुआ करते हैं | पुलिस भी गाँव में हो रहे रोज़ रोज़ के ऐसे मामलों से परेशान दिखती है जबकि सभी मामले रिपोर्ट नहीं होते और अक्सर पुलिस वाले भी ये कहते पाए जाते हैं की आपस में प्यार के चक्कर ये चलायें और पकडे जाने पे या धोका खाने के बाद मुसीबत पुलिस की हो |
सवाल ये हैं की बलात्कार के मामले चाहे किसी भी कारण से अंजाम दिए जा रहे हैं सही नहीं | ये भी एक सामाजिक समस्या है जिसका हल केवल कानून के पास नहीं बल्कि समाज के पास है | एक वर्ष पहले डॉ रीता से बातचीत के दैरात उन्होंने इस बात पे प्रकाश डाला था कि आज मोबाइल का इस्तेमाल ऐसे रिश्तों को जन्म देने का सबसे बड़ा कारण है | और दूसरा बड़ा कारण इसी मोबाइल द्वारा पोर्न फिल्म का युवाओं द्वारा देखा जाना और एक दुसरे से शेयर करना पाया गया है |
गाँव में अभी भी युवा युवतियों का आपस में मिलना जुलना या दोस्ती को बुरी नज़र से देखा जाता है ऐसे में इनका पोर्न को देखना और बेरोकटोक मोबाइल से बातचीत करना एक ऐसे रिश्ते को जन्म देता है जिसका नतीजा अधिकतर बुरा होता है और इसे हल करने में पुलिस भी नाकाम दिखती है |
इस समस्या का एक हल गाँव के लोगों द्वारा युवाओं को जागरूक करना और ऐसे प्रेम संबंधों के खतरनाक नतीजोंके बारे में बताना भी हो सकता है | ऐसी समस्याओं में पुलिस अधिक कुछ नहीं कर सकती क्यूँ की आरोपी कौन, दोषी कौन इस बात का फैसला आसानी से नहीं हो पाता |
आप अपने बच्चों की ऐसी परवरिश करें की उन्हें कोई भी रिश्ते समाज से छुप के ना बनाने पड़ें |