जौनपुर। अध्यक्ष कृषि अनुसंधान परिषद उ0प्र0 लखनऊ हनुमान प्रसाद सिंह ने आज लो.नि.वि के निरीक्षण कक्ष में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि समाजवादी पार्टी और उसकी सरकार यह मानती है कि विकास का मेरूदण्ड कृषि है खेती पानी से चलती है। जैसे जहाज, मोटर, रेल, पेट्रोल, डीजल और विद्युत से चलती है। इसको नजर मे रखकर उत्तर प्रदेश की सरकार ने नहरों तथा सरकारी नलकूपों से किसानों की सिचाई मुफ्त किया है। सिचाई मंत्री ने नलकूप विभाग के अभियन्ताओं को निर्देशित किया है कि खराब पडे नलकूपो को तत्काल ठीक कराया जाये जिससे कृषि के क्षेत्र में सिंचाई का इन्तजाम हो सके।
सिंचाई की व्यवस्था होने से पशुधन, दुग्ध विकास, मत्स्य पालन, उद्यान, कृषि, सहकारिता आदि व्यवसायी किसानों को लाभ मिलेगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में किसानों ने अपनी फसलों को नीलगायों से बचाने के लिए गन्धक पटखा को छोडने से उसका काफी दिनों तक दुर रहते है। पश्चिमी जिलों में किसान व्यवसायिक खेती करते है। किसानों के पास पशुधन से दुग्ध व्यवसाय एवं कंपोस्ट खाद तैयार करते है। अध्यक्ष ने बताया कि महाराष्ट्र के दौरे क दौरान नासिक, पुणे, अहमदनगर, के जिलो का दौरा किया वहा मैने देखा आज भी वहा के किसान पारम्परिक खेती कर रहे है एक भी टैक्टर चलते हुए मैने नही देखा बैलों से ही किसान खेती करते है। वहा 12 महीने गंन्ने की खेती करके राष्ट्रीय राज्यमार्गाे पर कोल्हू से गन्ने का रस बेचकर कम से कम प्रतिदिन 5 हजार रू0 बचत कर लेते है। मूल खेती गन्ना, सब्जी, अनार, केला, कपास आदि की खेती करते है। उत्तर प्रदेश सरकार का जोर है कि गांवो में भी बरसात का पानी बर्बाद न होने पाये इसके लिए तालाबों की खुदाई कराई जाये ताकि जल का स्तर बढ़ सके।