मेरा ताल्लुक जौनपुर के मशहूर ज़मींदार ज़ुल्क़द्र खान बहादुर के घराने से होने के कारण ,बचपन से राजा जौनपुर के बारे में और उनके अपने घर आने जाने के बारे में सुना करता था लेकिन कभी राजा जौनपुर की हवेली की तरफ जाने का अवसर नहीं मिला था | इस बार सोंचा जौनपुर के इतिहास पे काम अधूरा रह जायगा यदि राजा जौनपुर के बारे में नहीं लिखा और यह सोंच के सुबह साढ़े नौ बजे हम लोग राजा जौनपुर के महल पहुँच गए लेकिन उनके मिलने का समय पहले से ना मालूम होने के कारण ११ बजे तक राजा साहब के बाहरी कमरे में इंतज़ार करना पड़ा |
![]()
राजा साहब करीब ११ बजे आये और अपने दफ्तर में उनसे बात चीत शुरू हुई | उन्होंने बताया की जौनपुर रियासत की स्थापना ०३/११/१७९७ में हुई और वो इस रियासत के १२ वें राजा है | राजा अवनींद्र दत्त से इस मुलाक़ात से जौनपुर रियासत की काफी जानकारी हासिल हुई और मैं खुद राजा अवनींद्र दत्त जी का उनके सहयोग के लिए आभारी हूँ |
जौनपुर रियासत की स्थापना तीन नवंबर १९९७ में शियो लाल दुबे जी ने की जो एक धनी बैंकर श्री मोती लाल दुबे के पुत्र थे | शिव लाल दुबे जी अमौली फतेहपुर के रहने वाले थे |१७९७ में उन्हें ताल्लुका बदलापुर “राजा बहादुर “ के खिताब के साथ मिला | उनकी म्रत्यु 90 वर्ष की आयु में सन १८३६ में हो गयी ,उस समय रायपुर राज्य आजमगढ़,बनारस,गोरखपुर,मिर्ज़ा पुर तक पहिल चुकी थी | राजा शिव लाल दत्त की म्रत्यु के बाद उनके पौत्र राजा राम गुलाम जी ने राज्य का काम काज संभाला जबकि उनके पिता राजा बाल दत्त जी अभी जिंदा थे |
राजा राम गुलाम जी की म्रत्यु सन १८४३ में हुई और उनके पिता राजा बाल दत्त ने राज्य की ज़िम्मेदारी संभल ली |रजा बाल दत्त के बाद उनके दुसरे पुत्र लछमन गुलाम राजा बने लेकिन उनकी कोई संतान न होने के कारण सन १८४५ में राजा बाल दत्त की पत्नी रानी तिलक कुंवर के साथ में राज पाट का काम आ गया |
१९१६ में राजा श्री कृष्ण दत्त १९४४ में राजा यद्वेंदर दत्त १९९९ में आज के राजा अवनींद्र दत्त इस राज्य की देख भाल कर रहे हैं |

राजा साहब करीब ११ बजे आये और अपने दफ्तर में उनसे बात चीत शुरू हुई | उन्होंने बताया की जौनपुर रियासत की स्थापना ०३/११/१७९७ में हुई और वो इस रियासत के १२ वें राजा है | राजा अवनींद्र दत्त से इस मुलाक़ात से जौनपुर रियासत की काफी जानकारी हासिल हुई और मैं खुद राजा अवनींद्र दत्त जी का उनके सहयोग के लिए आभारी हूँ |
जौनपुर रियासत की स्थापना तीन नवंबर १९९७ में शियो लाल दुबे जी ने की जो एक धनी बैंकर श्री मोती लाल दुबे के पुत्र थे | शिव लाल दुबे जी अमौली फतेहपुर के रहने वाले थे |१७९७ में उन्हें ताल्लुका बदलापुर “राजा बहादुर “ के खिताब के साथ मिला | उनकी म्रत्यु 90 वर्ष की आयु में सन १८३६ में हो गयी ,उस समय रायपुर राज्य आजमगढ़,बनारस,गोरखपुर,मिर्ज़ा पुर तक पहिल चुकी थी | राजा शिव लाल दत्त की म्रत्यु के बाद उनके पौत्र राजा राम गुलाम जी ने राज्य का काम काज संभाला जबकि उनके पिता राजा बाल दत्त जी अभी जिंदा थे |
राजा राम गुलाम जी की म्रत्यु सन १८४३ में हुई और उनके पिता राजा बाल दत्त ने राज्य की ज़िम्मेदारी संभल ली |रजा बाल दत्त के बाद उनके दुसरे पुत्र लछमन गुलाम राजा बने लेकिन उनकी कोई संतान न होने के कारण सन १८४५ में राजा बाल दत्त की पत्नी रानी तिलक कुंवर के साथ में राज पाट का काम आ गया |
१९१६ में राजा श्री कृष्ण दत्त १९४४ में राजा यद्वेंदर दत्त १९९९ में आज के राजा अवनींद्र दत्त इस राज्य की देख भाल कर रहे हैं |
जौनपुर रियासत (स्थापना ०३/११/१७४७)
|
रजा शिव लाल दत्त पत्नी रानी खेम कुंवर और रानी राम कुंवर
जन्म १७४६ म्रत्यु २९/०१/१८३६- 90 वर्ष
|
राजा बाल दत्त पत्नी रानी तिलक कुंवर
म्रत्यु १८४४
|
म्रत्यु १८४३
|
राजा लछमन गुलाम पत्नी रानी प्रेम कुंवर
म्रत्यु १८४५
|
राजा हरी गुलाम पत्नी रानी राम कुंवर
म्रत्यु १८५७
|
राजा शिव गुलाम पत्नी रानी जशोदा कुवर
म्रत्यु १८५८
|
राजा लछमी नारायण पत्नी गुलाब कुंवर
म्रत्यु १८७५
|
राजा हरिहर दत्त पत्नी रानी शाहोद्र कुंवर
म्रत्यु १८९२
|
राजा शंकर दत्त पत्नी रानी गुमानी कुंवर
म्रत्यु १८९७
|
राजा श्री कृष्ण दत्त पत्नी रानी इश्वरी कुंवर
जन्म १८९६ -म्रत्यु १९४४
|
राजा यादवेन्द्र दत्त पत्नी रानी दयावती कुंवर
जन्म १९१८ म्रत्यु १९९९
|
राजा अवनींद्र दत्त पत्नी रानी नीता कुंवर
![]() |
राजा जौनपुर का अतिथि गृह |