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जिलाधिकारी सुहास एलवाई |
जिलाधिकारी सुहास एलवाई की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सायं जिले भर के 75 प्रधानाचार्य/प्रबन्धकों की बैठक सम्पन्न हुई जिसमें जिलाधिकारी ने मा0 उच्चतम नयायालय एवं उ0प्र0 सरकार के निर्देशानुसार विद्यालयों में बसों के संचालन एवं बच्चों के बैठने के बारे में व्यावहारिक बाते बतायी।
- किसी भी दशा में 15 वर्ष से पुरानी बसे विद्यालयों में न चलायी जाय।
- विद्यालय वाहनों में क्षमता से डेढ़ गुना ही बच्चों को बैठाया जाय।
उन्होंने विद्यालय प्रबन्धकों/प्रधानाचार्यों से अनुरोध किया कि एक सप्ताह के भीतर सभी मानक पूर्ण कर लिये जाय। शासन के निर्देशानुसार वाहनों के विरूद्ध अभियान चलाये जाने पर किसी को बख्शा नही जायेगा। बार-बार उल्लंघन करने वाले विद्यालयों की मान्यता समाप्ति के लिए पत्र प्रेषित कर दिया जायेगा।
कतिपय अभिभावक अपने बच्चों को अथवा कुछ अभिभावक ग्रुप में बच्चों को वाहनों से स्कूल भेजते हैं जिनका परमिट/फिटनेस नही रहता, जिलाधिकारी ने ऐसे अभिभावको को सचेत किया है कि
- ऐसे वाहनो से बच्चों को न भेजे जबतक कि वाहन के सभ प्रपत्र वैद्य न हो जाय।
- सभी चालको के पते और आचरण के बारे में सत्यापन करा लिया जाय।
- पांच वर्ष से अधिक व्यावसायिक लाइसेन्स धारक को ही चालक के रूप में रखा जाय।
- सभी चालक खाकी वर्दी में रहेगे एवं विद्यालयों में संचालित होने वाली वाहने परमिट सुदा एवं वैद्य फिटनेस से युक्त होगी।
- सभी बसों में उपचार पेटिका एवं अग्निशमन यंत्र अवश्य रखे जाय।
सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी बी0के0सिंह ने विभागीय नियमों की विस्तार से जानकारी दिया तथा जिलाधिकारी के निर्देश पर छोटे वाहनों के परमिट के लिए आर0टी0ओ0 वाराणसी से 72 घण्टे के भीतर कराने का आश्वासन दिया। पुलिस अधीक्षक पवन कुमार ने पुलिस प्रशासन के तरफ से जानकारी दिया तथा आश्वस्त किया कि बच्चों के जीवन के साथ किसी भी हालत में खिलवाड़ नही करने दिया जायेगा। इस अवसर पर नगर मजिस्टेª रामनरेश पाठक, डिप्टी कलेक्टर सुश्री ममता मालवीय, राकेश कुमार श्रीवास्तव, कलेक्टेªट बार के अध्यक्ष उदयप्रताप सिंह, डा0 मुन्ना, राजेन्द्र प्रसाद सिंह सहित अन्य प्रधानाचार्य/प्रबन्धक उपस्थित रहे।
नोट:
जौनपुर जिले के 50वें जिलाधिकारी सुहास एलवाई अभी तक के सबसे यंग कलेक्टर माने जा रहे हैं। मूल कर्नाटक के निवासी सुहास तमिल भाषा के जानकार हैं और उन्होंने एनाईटी कर्नाटका से कम्पूटर साईंस में बीई करने के बाद आईएएस की तैयारी शुरू की थी, जिसमे उन्हें कामयाबी मिली और उत्तर प्रदेश कैडर पा कर वो आज जौनपुर जैसे महत्त्वपूर्ण जिले की कमान सभाल रहे हैं।