मुहर्रम आते ही जौनपुर में इमामबाड़े सज जाते हैं और नौहा मजलिस, मर्सिया, सोअज़ का दौर आज से १४३६ साल पहले दी गयी इमाम हुसैन (अ,.स) की क़ुरबानी को याद करने के लिए शुरू हो जाता है | इमाम हुसैन (अ.स) ने ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़ उठायी जो ज़ालिम बादशाह यजीद को पसंद नहीं आया और उसने इमाम हुसैन (अ.स) को उनके परिवार के साथ ७२ लोगों को शहीद कर दिया गया|
आज भंडारी, पान दरीबा , कल्लू का इमामबाडा इत्यादि में अज़ादारी का जुलूस निकला गया जिसमे हज़ारों की तादात में मुसलमानों से शिरकत की और नौहा मातम सीना जानी की
|
आज भंडारी, पान दरीबा , कल्लू का इमामबाडा इत्यादि में अज़ादारी का जुलूस निकला गया जिसमे हज़ारों की तादात में मुसलमानों से शिरकत की और नौहा मातम सीना जानी की
|