जौनपुर। प्रभात रंजन जिला बाल संरक्षण अधिकारी/ जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि जनपद जौनपुर के ऐसे सभी स्वैच्छिक संगठनों/धर्मार्थ संगठनों/ट्रस्टों/व्यक्ति/व्यक्तियों के समूह जो बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण अथवा समान प्रयोजन के लिये 18 वर्ष से कम आयु के शिशुओं/बालक/बालिकाओं की देखरेख के लिये संस्थायें संचालित कर रहें हैं। उन सभी पक्षकारों को अवगत कराया है कि वे इस तरह की संस्था के संचालन के लिये किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2000 (यथा संशोधित 2006) की धारा-34(3) के अन्तर्गत अनिवार्य रूप से पंजीकरण करायें। पंजीकरण का प्राधिकार निदेशक महिला कल्याण उत्तर प्रदेश में अवस्थित है।
अन्य संस्थायें जो सामान्य कार्य तथा अन्य अधिनियमों के तहत पंजीकृत हैं वह भी अनिवार्य रूप से किशोर न्याय (बालकांे की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2000 (यथा संशोधित 2006) की धारा-34(3) के अन्तर्गत पंजीकृत करायें। पंजीकरण हेतु आवेदन पत्र महिला कल्याण विभाग की बेवसाइट से सीधे डाउनलोड किया जा सकता है। आवेदन पत्र सम्बन्धित संस्था द्वारा जनपद के जिला प्रोबेशन अधिकारी/जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय में जमा किया जायेगा। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2000 (यथा संशोधित 2006) की धारा-34(3) के अन्तर्गत गैर पंजीकृत संस्थायें बालक/बालिका/देखरेख और संरक्षण के आवासीय प्रयोजन हेतु अवैध मानी जायेगीं तथा ऐसी संस्थाओं के बच्चे पंजीकृत अन्य संस्थाओं में स्थानान्तरित कर दिये जायेगें
अन्य संस्थायें जो सामान्य कार्य तथा अन्य अधिनियमों के तहत पंजीकृत हैं वह भी अनिवार्य रूप से किशोर न्याय (बालकांे की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2000 (यथा संशोधित 2006) की धारा-34(3) के अन्तर्गत पंजीकृत करायें। पंजीकरण हेतु आवेदन पत्र महिला कल्याण विभाग की बेवसाइट से सीधे डाउनलोड किया जा सकता है। आवेदन पत्र सम्बन्धित संस्था द्वारा जनपद के जिला प्रोबेशन अधिकारी/जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय में जमा किया जायेगा। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2000 (यथा संशोधित 2006) की धारा-34(3) के अन्तर्गत गैर पंजीकृत संस्थायें बालक/बालिका/देखरेख और संरक्षण के आवासीय प्रयोजन हेतु अवैध मानी जायेगीं तथा ऐसी संस्थाओं के बच्चे पंजीकृत अन्य संस्थाओं में स्थानान्तरित कर दिये जायेगें