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मानवरहित रेलवे क्रासिंग बनी यमलोक का प्रवेश द्वार |

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मानवरहित रेलवे क्रासिंग पे वैसे तो एक रेलवे का आदमी रहता है लेकिन जल्दबाजी में या बहुत बार कोई रोकटोक ना होने की वजह से इन क्रासिंग पे एक्सीडेंट हुआ करते हैं | लोगों को चाहिए की ऐसी क्रासिंग पे देख भाल के पार किया करें |

अभी कुछ दिन पहले गौराबादशाहपुर के पास पतहना गांव के पास चौकियां मानव रहित रेलवे क्रासिंग के पास ट्रेन और इनोवा गाड़ी में टक्कर से राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त सतई यादव समेत तीन लोगो की मौत हो गयी थी | और आज एक मामला फिर सामने आया है |

जौनपुर सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के कोहड़े गांव में मानवरहित रेलवे क्रासिंग को पार करते समय अचानक आयी ट्रेन  की चपेट में आने से एक हाकर की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गयी जिसकी जानकारी होने पर उसके घर सहित पूरे गांव में कोहराम मच गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त गांव निवासी अरविन्द कुमार 32 वर्ष पुत्र विजेन्द्र रोज की भांति मंगलवार को भोर में लगभग 4 बजे अपने घर से साइकिल पर सवार होकर अखबार लेने के लिये शहर की तरफ चला। रास्ते में जौनपुर-शाहगंज रेलखण्ड पर स्थित मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर वह पहुंचा था कि तभी अचानक टेªन आ गयी जिसकी चपेट में आने से उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गयी। दुर्घटना की जानकारी पर जुटे आस-पास के लोगों ने उसके परिजनों को सूचना दिया जिस पर परिवार वालों के अलावा पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी। पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर अन्त्य परीक्षण हेतु भेज दिया। बता दें कि मृतक के पिता सिविल लाइंस के पास स्थित एक सरकारी कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत हैं जबकि उसके चाचा अवकाशप्राप्त डीआईजी हैं। अरविन्द की मौत से उसकी पत्नी सहित अबोध पुत्री साक्षी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। घर सहित पूरे गांव का माहौल शोक में डूबा हुआ है। देर शाम को शव का नगर के से सटे राम घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया जहां परिजन, ग्रामीणों सहित सैकड़ों की संख्या में हाकर भी मौजूद रहे।

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