'सेन्हुरहवा आम'
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सेन्हुरहवा आम
कुतरे ललकी ठोंड़ वाला सुग्गा
कोइल किलहँटा चिरई चिरोमनि
झब्बे पूंछ वाली गिलहरी।
सेन्हुरहवा आम
खायें दादी, बाबा, काकी, काका
फूआ, फुफ्फा, मामी, मामा
भईया भउजी अम्मा, बाबू।
सेन्हुरहवा आम
नेरें झूरें गांव जवार के सबन्ह
चबेल्ला चबेल्ली।
सेन्हुरहवा आम
से बनें सिरका, खटाई, अँचार
मुरब्बा, गुरम्मा, ठोकवा और अमावट।
सेन्हुरहवा आम
बारहो महीने रहे 'प्रिजर्व'
पुरखों की जादुई हांडी में।
सेन्हुरहवा आम
विरासत में मिला
पड़बाबा से बाबा को
फिर बाबू को।
आज 'स्लाइस'पीते
या कि कारबाइड में
पकाये गये 'मैंगो'खाते
समझ में आता है
फरक स्वाद का
विरासत और बाजार का।
मैं क्या छोड़ कर जाऊँगा?
Dr Pawan Vijay
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सेन्हुरहवा आम
कुतरे ललकी ठोंड़ वाला सुग्गा
कोइल किलहँटा चिरई चिरोमनि
झब्बे पूंछ वाली गिलहरी।
सेन्हुरहवा आम
खायें दादी, बाबा, काकी, काका
फूआ, फुफ्फा, मामी, मामा
भईया भउजी अम्मा, बाबू।
सेन्हुरहवा आम
नेरें झूरें गांव जवार के सबन्ह
चबेल्ला चबेल्ली।
सेन्हुरहवा आम
से बनें सिरका, खटाई, अँचार
मुरब्बा, गुरम्मा, ठोकवा और अमावट।
सेन्हुरहवा आम
बारहो महीने रहे 'प्रिजर्व'
पुरखों की जादुई हांडी में।
सेन्हुरहवा आम
विरासत में मिला
पड़बाबा से बाबा को
फिर बाबू को।
आज 'स्लाइस'पीते
या कि कारबाइड में
पकाये गये 'मैंगो'खाते
समझ में आता है
फरक स्वाद का
विरासत और बाजार का।
मैं क्या छोड़ कर जाऊँगा?
Dr Pawan Vijay